जब तुम्हारी मांग में सिंदूर का टीका लगे पांव में बिछिया ओ मेहंदी हाथ मे कंगन सजे जब समूचा घर दिवाली इत्र महकाने लगे पूर्णिमा तुझपे अमावस मुझपे इतराने लगे संग सखियां मिल विदाई गीत जब गाने लगे एक पहचानी…
जब तुम्हारी मांग में सिंदूर का टीका लगे पांव में बिछिया ओ मेहंदी हाथ मे कंगन सजे जब समूचा घर दिवाली इत्र महकाने लगे पूर्णिमा तुझपे अमावस मुझपे इतराने लगे संग सखियां मिल विदाई गीत जब गाने लगे एक पहचानी…