कविता जिन्दाबाद हमारी कविता जिन्दाबाद !! ये बोली तो युग बोला ये गायी तो सबने गाया इसने ही आजादी का परचम सीमा पर लहराया वंदे मातरम बन कर गूंजी और तिरंगा थाम लिया बिस्मिल शेखर भगत सिंह मंगलपांडे का…
कविता जिन्दाबाद हमारी कविता जिन्दाबाद !! ये बोली तो युग बोला ये गायी तो सबने गाया इसने ही आजादी का परचम सीमा पर लहराया वंदे मातरम बन कर गूंजी और तिरंगा थाम लिया बिस्मिल शेखर भगत सिंह मंगलपांडे का…