सभी को दाद देता है बड़ा चालाक शायर है, फिर उसके बाद धीरे से अजि! क्या खाक शायर है ग़ज़ल कहना ना कहना उसकी मरज़ी तुमसे क्या मतलब, बाहरी मेहफिल में तो वो साहिब-ए-इदराक शायर है, ये बात…
कहीं जो धूप का साया मिले तो रुक जाऊँ
कहीं ख़ुलूस की ख़ुशबू मिले तो रुक जाऊँ मिरे लिए कोई आँसू खिले तो रुक जाऊँ मैं उस के साए में यूँ तो ठहर नहीं सकता उदास पेड़ का पत्ता हिले तो रुक जाऊँ कभी पलक पे सितारे…
वक़्त करता है ख़ुद-कुशी मुझ में
वक़्त करता है ख़ुद-कुशी मुझ में लम्हा लम्हा है ज़िंदगी मुझ में । सोने वाली समाअतो जागो ख़ामुशी बोलने लगी मुझ में । शुक्रिया ऐ जलाने वाले तेरा दूर तक अब है रौशनी मुझ में । रोज़ अपना ही ख़ून…
मुझ को पागल कहने वाला ख़ुद ही पागल हो जाएगा
कोई हसीं मंज़र आँखों से जब ओझल हो जाएगा मुझ को पागल कहने वाला ख़ुद ही पागल हो जाएगा पलकों पे उस की जले बुझेंगे जुगनू जब मिरी यादों के कमरे में होंगी बरसातें घर जंगल हो जाएगा …
अफ़्सोस ये है उस ने मिरी बात काट दी
गोशे बदल बदल के हर इक रात काट दी कच्चे मकाँ में अब के भी बरसात काट दी वो सर भी काट देता तो होता न कुछ मलाल अफ़्सोस ये है उस ने मिरी बात काट दी दिल…
आप के बस की बात नहीं
आप हमारे साथ नहीं चलिए कोई बात नहीं आप किसी के हो जाए आप के बस की बात नहीं अब हमको आवाज़ ना दो अब ऐसे हालात नहीं इस दुनिया के नक्शे में शहर है देहात नहीं,…