भोली सी नादान वो लड़कीं उसकी ख़ता नही मैं उस पर कविता लिखता हूँ उसको पता नही इंस्ट्राग्राम पे उसका मुझको एक मैसेज था आया एफ बी का एक लाइव वीडियो उसको कितना भाया बोली इतनी सुंदर कविता कैसे…
एक दीपक मैं जलाऊँ, एक दीपक तुम जलाओ
एक दीपक मैं जलाऊँ, एक दीपक तुम जलाओ !! तुम तमस में रोशनी हो भोर की उजली किरण हो इस अधूरी जिंदगी का इक समूचा व्याकरण हो पृष्ठ पर मन की ऋचाओं का सरलतम उद्धरण हो भाव के अनुकूल…
कविता ज़िंदाबाद
कविता जिन्दाबाद हमारी कविता जिन्दाबाद !! ये बोली तो युग बोला ये गायी तो सबने गाया इसने ही आजादी का परचम सीमा पर लहराया वंदे मातरम बन कर गूंजी और तिरंगा थाम लिया बिस्मिल शेखर भगत सिंह मंगलपांडे का…
मरते दम तक भी गाएंगे गाथा हिंदुस्तान की
मरते दम तक भी गाएंगे गाथा हिंदुस्तान की !! उन्नत जहां ललाट किरीट का सागर चरण पखारे है ऊंचे – ऊंचे मंदिर – मस्जिद, गिरजाघर गुरु द्वारे हैं सब धर्मों का मान और सम्मान जहां थाती है जहां बेटियां …
प्यासे प्यासे मेरे मछुआरे नयन
झुके कारे करारे शरारे नयन जैसे सागर में दो तैरती मछलियां प्यासे प्यासे मेरे मछुआरे नयन …!! चूम लूं रंग से मैं तेरे गाल को छू के देखूं जरा रेशमी बाल को ये कलाई तेरी डाल कचनार की खिले…
जब तुम्हारी मांग में सिंदूर का टीका लगे
जब तुम्हारी मांग में सिंदूर का टीका लगे पांव में बिछिया ओ मेहंदी हाथ मे कंगन सजे जब समूचा घर दिवाली इत्र महकाने लगे पूर्णिमा तुझपे अमावस मुझपे इतराने लगे संग सखियां मिल विदाई गीत जब गाने लगे एक पहचानी…
दो नयनों में काटी रात
चाँद उगा अम्बर आँचल में दो नयनों में काटी रात सर्द सुबह तक नर्म अंधेरा हमने मिलकर बांटी रात जिस्म नशा था रूह प्यास थी घटती बढ़ती आधी रात अजातशत्रुपिता: गोवर्धन सिंह राव माता :राजकुमारी राव जन्मस्थान : झीलों की…
मुक्तक
1. लड़की दिल से तहस नहस निकली बात निकली तो फिर बहस निकली उसकी नफ़रत में प्यार शामिल था आपके प्यार में हवस निकली 2. अपने संयम की परीक्षा कर रहा हूं प्रेम व्याकुल है समीक्षा कर रहा हूं बैठकर…